चारधाम यात्रा में श्रद्धा के साथ सेवा और सुरक्षा का भाव: उत्तराखंड पुलिस ने पेश की मिसाल
मेरु रैबार – विशेष समाचार
दिनांक: 11 मई 2025
देवभूमि उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा 2025 श्रद्धालुओं के लिए न केवल आध्यात्मिक अनुभव बन रही है, बल्कि सेवा और सुरक्षा के भावों ने यात्रियों के मन में पुलिस व स्थानीय प्रशासन के प्रति विश्वास और सम्मान और गहरा कर दिया है।
💼 पर्स मिला, सम्मान बढ़ा
मध्यप्रदेश के इंदौर से चारधाम यात्रा पर आईं श्रीमती मधु देवी का 10 मई को यमुनोत्री मंदिर परिसर में पर्स खो गया था, जिसमें ₹13,000 नकद, जरूरी दस्तावेज़ और एक सोने की चेन रखी थी।
ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवान अमित कुमार और अजय नेगी ने ईमानदारी और तत्परता दिखाते हुए पर्स को खोज निकाला और सुरक्षित रूप से श्रद्धालु को सौंपा।
🎒 विदेशी श्रद्धालु का बैग भी मिला
इंग्लैंड निवासी श्रद्धालु अंजू पटेल का एक बैग जिसमें महंगा मोबाइल फोन, दवाइयां व अन्य सामान था, यमुनोत्री घोड़ा स्टैंड पर ड्यूटी के दौरान खो गया।
एएसआई भुवन आर्य और कांस्टेबल हरिमोहन राणा ने पूरी लगन से पूछताछ और तलाशी अभियान चलाया और आखिरकार बैग ढूंढकर अंजू पटेल को सौंप दिया।
👧 पांच साल की मासूम को परिवार से मिलाया
नवी मुंबई, महाराष्ट्र से चारधाम यात्रा पर आई 5 वर्षीय श्रेया गुप्ता, 10 मई को यमुनोत्री घोड़ा पड़ाव के पास भीड़ में अपने परिवार से बिछड़ गई। बच्ची को अकेले रोते हुए देखकर ड्यूटी पर तैनात एएसआई भुवन आर्य और आरक्षी हरिमोहन राणा ने तुरंत अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए बच्ची से बातचीत की।
हालांकि वह अपने पिता सुनील गुप्ता का नाम बता पाई, पर न तो पता बता सकी, न फोन नंबर। पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप और पीए सिस्टम के माध्यम से सूचना प्रसारित की और कुछ समय बाद परिजनों को खोज निकाला। बच्ची को सुरक्षित उनके सुपुर्द किया गया और भविष्य में सतर्क रहने की सलाह दी गई।
🌟 सेवा भी, सुरक्षा भी – यही है देवभूमि की पहचान
चारधाम यात्रा केवल तीर्थ नहीं, यह विश्वास, सहयोग और कर्तव्य की भी यात्रा है।
उत्तराखंड पुलिस और स्थानीय प्रशासन की ये मिसालें यह दर्शाती हैं कि जब श्रद्धा के साथ सेवा जुड़ती है, तब देवभूमि का असली स्वरूप सामने आता है।