विशेषज्ञ डॉक्टरों को सरकार का तोहफा: सेवा अवधि बढ़ाकर 65 वर्ष की गई, केवल चिकित्सा सेवाएं देंगे
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चारधाम यात्रा से पहले उत्तराखंड सरकार का बड़ा कदम, 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी और मज़बूत
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चारधाम यात्रा से पहले उत्तराखंड सरकार का बड़ा कदम, 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी और मज़बूत
प्रदेश सरकार लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा अवधि बढ़ाने का निर्णय महत्वपूर्ण साबित होगा। उत्तराखंड के कई सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी महसूस की जा रही थी, जिससे मरीजों को इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता था। सरकार के इस फैसले से न केवल डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि मरीजों को अपनी ही जिले या नजदीकी अस्पतालों में बेहतर इलाज मिल सकेगा।
हालांकि, सेवा अवधि बढ़ाए जाने के बावजूद 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रशासनिक पदों या वित्तीय जिम्मेदारियों का कार्यभार नहीं दिया जाएगा। उन्हें मुख्य परामर्शदाता के रूप में उनकी विशेषज्ञता के अनुसार उपलब्ध रिक्त पदों पर तैनात किया जाएगा। साथ ही, उन्हें आगे पदोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन वेतन वृद्धि और अन्य सेवा लाभ सरकारी कर्मचारियों की भांति ही जारी रहेंगे।
राज्य सरकार का यह निर्णय विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगा। वर्तमान में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को बड़े शहरों तक आना पड़ता है, जिससे उन्हें समय और पैसे दोनों का नुकसान उठाना पड़ता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ने से सुदूरवर्ती इलाकों में भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कई अहम फैसले ले रही है। यह निर्णय भी इसी नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने और जनता को बेहतर इलाज मुहैया कराने में मददगार साबित होगा।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा अवधि बढ़ाए जाने से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी, जिससे आमजन को बेहतर और सुलभ इलाज मिल सकेगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और डॉक्टरों की कमी के कारण होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकेगा।
कुल मिलाकर, प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को नया आयाम देगा और जनता को पहले से बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायक होगा।