ठंड ने तोड़ दिया सात वर्षों का रिकॉर्ड, अभी नहीं मिलेगी सर्दी से राहत; ऐसा रहेगा मौसम का हाल

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तराई में बीते सात वर्षों में 2016 के बाद 25 जनवरी सबसे ठंडा दिन रहा। पारा लुढ़ककर तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आज प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में दिन के समय फिर से कोहरे का प्रभाव रह सकता है। कहीं-कहीं पाला पड़ने की भी संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी लगातार पांच दिनों तक ऐसे ही ठंड रहने की संभावना है।

तापमान के उतार-चढ़ाव के साथ मौसम की आंखमिचौली बनी हुई है। शुक्रवार को हल्द्वानी क्षेत्र में न्यूनतम पारा फिर से लुढ़क गया। चार डिग्री सेल्सियस गिरावट की वजह से रात के समय ठिठुरन में वृद्धि हो गई। वहीं, दिन के समय चटख धूप खिलने के साथ तापमान सिर्फ 0.2 डिग्री बढ़ा, लेकिन इस कारण लोगों को ठंड से काफी राहत मिली।

हालांकि, रात्रि में हल्के कोहरे ने फिर समस्या बढ़ा दी। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बीते दिनों हल्द्वानी क्षेत्र में अधिकतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, आगामी दिनों में मौसम के शुष्क बने रहने का अनुमान है। साथ शनिवार को प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में दिन के समय फिर से कोहरे का प्रभाव रह सकता है। कहीं-कहीं पाला पड़ने की भी संभावना है।

सात वर्षों का टूटा रिकॉर्ड

तराई में बीते सात वर्षों में 2016 के बाद 25 जनवरी सबसे ठंडा दिन रहा। पारा लुढ़ककर तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके पहले 2012 में 25 जनवरी को 3.3 डिग्री सेल्सियस तक पारा लुढ़का था। मौसम विभाग का कहना है कि अभी लगातार पांच दिनों तक ऐसे ही ठंड रहने की संभावना है।

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