झुग्गी-झोपड़ी मुक्त होगा देहरादून – प्रशासन एक्शन मोड में
1 min readमेरु रैबार – विशेष रिपोर्ट
दिनांक: 11 मई 2025 | स्थान: देहरादून
🏙️ राजधानी होगी स्लम मुक्त! डीएम सविन बंसल ने शुरू की बड़ी पहल, प्रशासन एक्शन मोड में
देहरादून: राजधानी की मलिन बस्तियों को अब नया जीवन मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री के जनभावों से प्रेरणा लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने झुग्गी-झोपड़ी मुक्त, स्वच्छ और किफायती आवासीय वातावरण की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। शनिवार को ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में डीएम ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि अब सिर्फ बातें नहीं, जमीनी काम होगा — “कानून के हवाई पेंच अब बहाना नहीं बनेंगे।”
🔍 सख्त निर्देश: 5 दिन में दें बस्तियों की पूरी रिपोर्ट
बैठक में नगर आयुक्त को निर्देश दिए गए कि 2016 से पहले और बाद में बसी सभी 88 बस्तियों की अद्यतन सूची 5 दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। साथ ही, एमडीडीए को पुनर्वास के लिए शहरभर में उपलब्ध सभी ज़मीनी संसाधनों की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए गए।
🏘️ स्लम वासी भी अपने लोग, उन्हें देना है गौरवमय जीवन
डीएम बंसल ने कहा, “राजधानी को स्लम और आपदा-दरिद्रता से मुक्त करना अब केवल मिशन नहीं, प्रशासन की कमिटमेंट है।”
उन्होंने दो टूक कहा –
“जब प्रशासन कोई कमिटमेंट कर लेता है, तो उसे पूरा करने का रास्ता भी बना लेता है।”
🌿 नदियों का सौंदर्य, पर्यावरण और नागरिक जीवन – तीनों साथ
रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे की मलिन बस्तियों को हटाकर पुनर्वास किया जाएगा। इसके साथ ही इन नदियों के दोनों ओर एलिवेटेड कॉरिडोर, रिटेनिंग वॉल, बाढ़ सुरक्षा, और सौंदर्यीकरण कार्य भी प्रस्तावित हैं।
- रिस्पना नदी: 11 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर
- बिंदाल नदी: 15 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर
इन परियोजनाओं के लिए सीवर, हाईटेंशन और विद्युत लाइनों का विस्थापन भी होगा।
🧠 “यह इम्पॉसिबल टास्क नहीं!” — डीएम का मैन्टल ब्लॉक हटाने का आह्वान
डीएम ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस कार्य को नामुमकिन न समझें —
“स्लम हमारी असंवेदनशीलता का नतीजा हैं। अगर हम चाहें, तो हम इन्हें बदल सकते हैं।”
🧑🤝🧑 पुनर्वास ही समाधान, विकास की मुख्यधारा में जोड़ना है लक्ष्य
डीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में, नदियों के किनारे से अतिक्रमण हटाया जाएगा लेकिन इस दौरान मलिन बस्तियों के निवासियों को सुरक्षित, व्यवस्थित और सम्मानजनक पुनर्वास दिया जाएगा।
- बच्चों की शिक्षा
- स्वास्थ्य सेवाएं
- रोजगार से जुड़ाव
को भी पुनर्वास योजना में शामिल किया जाएगा।
🤝 प्रशासन एक प्लेटफॉर्म पर लाएगा सभी विभागों को
नगर निगम, एमडीडीए, सिंचाई, बिजली और अन्य रेखीय विभागों को एक मंच पर लाकर एकीकृत कार्य योजना बनाई जाएगी।
👥 बैठक में रहे ये प्रमुख अधिकारी उपस्थित:
के.के. मिश्रा (अपर जिलाधिकारी), हेमंत कुमार वर्मा (अपर नगर आयुक्त), प्रत्युष सिंह (नगर मजिस्ट्रेट), गोपाल राम बिनवाल (उप नगर आयुक्त), शरद श्रीवास्तव (सिंचाई विभाग), डीजीसी नितिन विशिष्ट, एमडीडीए के अतुल गुप्ता, नीतिन गुप्ता और ईडीएम हरेन्द्र शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
📢 मेरु रैबार का निष्कर्ष:
देहरादून को स्लम मुक्त बनाने की इस ऐतिहासिक पहल में प्रशासन का जोश और जनभाव की प्रेरणा साफ दिखाई दे रही है। यह कार्य केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं, सामाजिक बदलाव का प्रतीक बनेगा — जहां हर नागरिक को मिलेगा गरिमामय जीवन।