उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में भारतीय दूतावास ताशकंद में आयोजित हुआ व्यापार निवेश व पर्यटन संवर्द्धन से संबंधित कार्यक्रम

1 min read

देहरादून। मुख्यमंत्री ने ताशकंद में भारतीय दूतावास द्वारा उत्तराखंड में व्यापार, निवेश और पर्यटन के अवसरों को उजागर करने के लिए उत्तराखण्ड दिवस के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि पहली बार उत्तराखंड की उज्बेकिस्तान में इस प्रकार का अभिनव मंच मिल रहा है। एक ऐसा देश जिसके साथ भारत 2011 से आपसी संबंध साझा करता आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के प्रवासी बंधुओं की सुविधा के लिए राज्य में प्रभावी व्यवस्था बनाई गई है। उत्तराखण्ड में हाल ही में देश व विदेश में रह रहे उत्तराखण्ड वासियों का सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासी बंधुओं के द्वारा प्रतिभाग कर राज्य के विकास में सहयोगी बनने का आश्वासन दिया गया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत, आध्यात्मिक स्थलों, वेलनेस टूरिज्म आयुर्वेद और एडवेंचर टूरिज्म के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। भारत के प्रमुख शहरों के साथ अच्छी हवाई कनेक्टिविटी, विश्व स्तरीय सड़कों का नेटवर्क, अच्छी कानून व्यवस्था और स्थिर राजनीतिक नेतृत्व, उत्तराखण्ड को देश विदेश के निवेशकों के लिये एक आदर्श राज्य बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते वे उज्बेकिस्तान के पर्यटकों और निवेशकों को उत्तराखण्ड की इन विशेषताओं का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करते है। विशेष रूप से, उत्तराखंड का आयुष एवं वेलनेस टूरिज्म जिसकी ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। निवेश की दृष्टि से उत्तराखंड में पर्यटन हॉस्पिटेलिटी आयुर्वेदिक चिकित्सा, जैविक कृषि और हर्बल दवाओं में अपार संभावनाएं है।
उन्होंने कहा कि आज विश्वमर में पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद को लेकर लोगों में रुचि बढ रही है, और इस क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य सहयोग के अनेकों अवसर मौजूद है। हमारी सरकार इस संबंध को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों के युवाओं को भी शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, यही नही शैक्षणिक साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड में संचालित आईआईटी रुड़की पहले से ही समरकंद विश्वविद्यालय के साथ जल विज्ञान, जल प्रबंधन पर साझा कार्यक्रम चला रहा है। भविष्य में भी राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों को शामिल करते हुए. इस तरह के शैक्षणिक आदान-प्रदान को सशक्त बनाने के लिए भी हमारे प्रयास जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्बेकिस्तान की हस्तशिल्प कलाएं और उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरे हस्तशिल्प, बांस कला और ऊन बुनाई जैसे पारंपरिक शिल्पकारों के बीच आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम दोनों पक्षों के बीच व्यापार पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने उज्बेकिस्तान के सभी नागरिकों को उत्तराखंड आने और यहां की प्राकृतिक सुंदरता एवं समृद्ध संस्कृति को अनुभव करने के लिए भी आमंत्रित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.