प्रणव चैंपियन व उमेश कुमार विवाद पर हाईकोर्ट ने लिया मामले का संज्ञान

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नैनीताल। प्रणव चौंपियन व उमेश कुमार फायरिंग केस इन दिनों सुर्खियों में हैं। इस मामले में प्रणव चौंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। उनकी लग्जरी गाड़िया सीज की गई है। साथ ही उनके हथियारों के लाइसेंस भी निरस्त कर दिये गये हैं। उमेश कुमार पर भी एक्शन हुआ है, उनके आर्म्स लाइसेंस को भी कैंसिल किया गया है। अब इस मामले का नैनीताल हाईकोर्ट ने स्वतरू संज्ञान लिया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रुड़की में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक प्रणव सिंह चौंपियन के बीच हुई गोलाबारी की घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि देवभूमि में बाहुबली प्रदर्शन शर्मनाक व अक्षम्य है।
वर्तमान विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक के बीच सरेआम हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी का वीडियो राष्ट्रीय न्यूज चौनलों व समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने और उत्तराखंड की छवि खराब होने से चिंतित हाईकोर्ट के अवकालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। मंगलवार की सुबह घटना पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में पारित आदेशों का पालन न होने पर चिंता व्यक्त की। इस आदेश में राजनीति का अपराधीकरण रोकने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी हरिद्वार व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होने और इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा। अपरान्ह में जिलाधिकारी और एसएसपी हरिद्वार कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने कोर्ट को बताया कि वर्तमान विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक प्रणव चौंपियन गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें प्रणव सिंह जेल में है और उमेश कुमार जमानत में हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि दोनों के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और उनको दी गई सुरक्षा को हटाने के लिये सरकार समीक्षा कर रही है। बताया कि दोनों के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में 19-19 मुकदमे लंबित हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 12 फरवरी निर्धारित करते हुए जिलाधिकारी हरिद्वार और एसएसपी हरिद्वार को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ चल रहे मुकदमों,आपराधिक रिकॉर्ड, 25-26 जनवरी को हुई घटना का वीडियो क्लिप और आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ कोर्ट में पेश करने को कहा है।

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