‘बल्ब जला… उम्मीदें जगी!’ विद्युत से रोशन हुआ सीमांत गांव गंगी

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के प्रयास से विद्युत से रोशन हुआ सीमांत गांव गंगी

टिहरी जनपद के घनसाली विधानसभा क्षेत्र का सीमांत गांव गंगी अब अंधेरे से बाहर निकल चुका है। ‘जहां कभी चिराग भी मुश्किल से जलते थे, वहां अब बिजली के बल्बों की रौशनी बिखर रही है।’ वर्षों से विकास की रोशनी से वंचित इस दुर्गम गांव में अब विद्युत ग्रिड की चमक पहुंच चुकी है।

गंगी गांव में पहली बार सड़क वर्ष 2018 में पहुंची थी, और अब सौर ऊर्जा पर निर्भर इस गांव को ग्रिड से जोड़ा जाना एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आया है। लगभग 250 परिवारों वाले इस गांव में 12 किलोमीटर लंबी विद्युत लाइन बिछाकर गांव को ग्रिड से जोड़ा गया है। यह कार्य विद्युत विभाग द्वारा पांच माह की कठिन मेहनत के बाद सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

एकता, समर्पण और संकल्प की कहानी

यह उपलब्धि यूं ही नहीं मिली। क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल शाह ने सांसद महोदय की अध्यक्षता में आयोजित जिला विकास समन्वय समिति की बैठक में गंगी गांव के विद्युतीकरण की मांग की थी। इसके बाद सांसद के निर्देश, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के मार्गदर्शन और राज्य सरकार द्वारा नवंबर माह में स्वीकृत 1.02 करोड़ रुपये की निधि से यह कार्य आरंभ किया गया।

अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड टिहरी, अमित आनंद ने बताया कि कड़ी भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद कार्य को समय से पूरा किया गया और अब गांव में बल्बों की रोशनी के साथ ही ग्रामीणों के चेहरों पर भी उजाला लौट आया है।

गांव में खुशी की लहर

विद्युत संयोजन के लिए गांव में शिविर लगाकर दर्जनों परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं, और शेष कार्य भी प्रगति पर है। गांव में जैसे ही पहला बल्ब जला, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की आंखों में उम्मीदों की चमक नजर आई।

यह सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि विकास की गूंज है जो अब गंगी के पहाड़ों में भी सुनाई दे रही है।

ग्रामीणों ने इस परिवर्तन के लिए प्रशासन, विद्युत विभाग और जनप्रतिनिधियों को हृदय से धन्यवाद दिया है।


मेरु रैबार का सलाम उन सभी हाथों को जो सीमांत क्षेत्रों में उजाले की किरण लेकर पहुंचते हैं।

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