सूबे में 36 लाख बच्चों को खिलाई जायेगी एल्बेंडाजॉल की दवाः डॉ धन सिंह रावत

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देहरादून। बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें कृमि संक्रमण से बचाने के लिये मंगलवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस कार्यक्रम मनाया जायेगा। इसके तहत प्रदेशभर में एक से लेकर 19 वर्ष तक के आयु वर्ग के 36 लाख से अधिक बच्चों, किशोरों और किशोरियों को कृमिनाशक दवा खिलाई जायेगी। इस अभियान को व्यापक स्तर पर सफल बनाने के लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों, मुख्य शिक्षा अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे दिये गये हैं।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी एक से लेकर 19 वर्ष तक के आयु वर्ग वाले बच्चों, स्कूली छात्र-छात्राओं को कृमिनाशक दवा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिये कृमिनाशक दवा खिलाना बेहद जरूरी है। इसके लिये मंगलवार को प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के 17वें चरण का आयोजन किया जायेगा। जिसमें स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से आंगनबाडी केन्द्रों, विद्यालयों, महाविद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ-साथ दुरस्थ क्षेत्रों व मलिन बस्तियों में सघन अभियान चला कर 36.58 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवापान कराया जायेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को दवापान से वंचित रहने वाले बच्चों को आगामी 16 अप्रैल को आयोजित होने वाले मॉप अप दिवस पर अनिवार्य रूप से कृमिनाशक दवापान करने के निर्देश दिये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में कृमि मुक्ति दिवस के सफल आयोजन को विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिये गये हैं, साथ ही उन्हें स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रयाप्त मात्रा में अल्बेंडाजॉल दवा उपलब्ध कराने, अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करने, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशाओं एवं शिक्षकों को दवापान को आवश्यक प्रशिक्षण देने को भी कहा है। इसके अलावा अधिकारियों को स्कूलों, आंगनबाडी केन्द्रों व पीएचसी सेंटरों का भ्रमण कर मॉनिटिरिंग व सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कर बच्चों को लाभान्वित करने के भी निर्देश दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में अब तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के 16 चरणों का सफल आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सितम्बर 2024 में आयोजित कृमि मुक्ति दिवस पर 1-19 आयु वर्ग के कुल 33.14 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई गई थी और इस वर्ष दवापान के लक्ष्य को बढ़ाकर 36 लाख से अधिक कर दिया गया है ताकि शत-प्रतिशत बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाकर कर उन्हें कृमि मुक्त किया जाय।

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