पहलगाम आतंकी हमले के बाद अलर्ट मोड पर उत्तराखंड: चारधाम यात्रा व पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई गई

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देहरादून / जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद पूरे देश में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती और धार्मिक पर्यटन स्थलों से परिपूर्ण राज्य में अब विशेष सुरक्षा प्रबंधों को अमल में लाया जा रहा है। चारधाम यात्रा, मसूरी, नैनीताल, टिहरी और अन्य लोकप्रिय स्थानों पर अलर्ट लेवल हाई कर दिया गया है।

बॉर्डर एरिया और टूरिस्ट हॉटस्पॉट्स पर कड़ी निगरानी

राज्य पुलिस और खुफिया तंत्र ने रातभर की जांच-पड़ताल के बाद दिन में भी बॉर्डर क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान जारी रखा। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में आने वाले हर पर्यटक, वाहन और सामान की गहनता से जांच की जाए ताकि किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।

“हर इनपुट को गंभीरता से लिया जाए और खुफिया तंत्र अति सक्रियता से काम करे,” – राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश।

चारधाम यात्रा से पहले अलर्ट

30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। हर साल यह यात्रा न केवल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, बल्कि धमकियों का भी शिकार होती है। इसी को देखते हुए इस बार अतिरिक्त सतर्कता और स्पेशल फोर्सेस की तैनाती की जा रही है।

  • यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी और रैंडम चेकिंग पॉइंट्स बनाए जा रहे हैं।

  • पुलिस व खुफिया विभाग को नेशनल एजेंसियों के संपर्क में रहने और रीयल टाइम सूचना आदान-प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।

  • सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को भी प्राथमिकता दी जा रही है ताकि किसी भी फर्जी सूचना या अफवाह पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।

प्रमुख शहरों और धार्मिक स्थलों पर भी विशेष सतर्कता

देहरादून, मसूरी, हरिद्वार, नैनीताल, टिहरी जैसे स्थानों पर सैलानियों की भारी आमद को देखते हुए यहां पर भी पुलिस बल की संख्या बढ़ाई गई है
हरिद्वार रेलवे स्टेशन, देहरादून के सैन्य संस्थान और टिहरी बांध जैसे संवेदनशील ठिकानों पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

“पहलगाम की घटना ने हमें सिखाया है कि किसी भी चेतावनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता,” – एक वरिष्ठ इंटेलिजेंस अधिकारी।

उत्तराखंड प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस बार कोई चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुरक्षा, सतर्कता और समन्वय की त्रिस्तरीय रणनीति के तहत हर एजेंसी को सक्रिय रखा गया है। पहलगाम जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए सरकार और सुरक्षाबल पूरी तरह से तत्पर हैं।

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