चमोली में भूस्खलन का कहर, बीआरओ के दो पुल गिरे, सीमावर्ती इलाकों का संपर्क कटा

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चमोली में भूस्खलन का कहर, बीआरओ के दो पुल गिरे, सीमावर्ती इलाकों का संपर्क कटा

चमोली/ उत्तराखंड के चमोली जिले में बीते दिनों भूस्खलन के कारण दो पुल ध्वस्त हो गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों का संपर्क कट गया है। ताजा घटना मलारी हाईवे के पास पनघटी नाले पर बने 52 फीट लंबे बीआरओ के पुल के टूटने की है। इससे नीति-मलारी हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। पुल का उपयोग सेना, आईटीबीपी और बीआरओ के वाहनों के लिए महत्वपूर्ण था। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही मौके पर वैली ब्रिज का निर्माण किया जाएगा।

इससे पहले 5 मार्च को गोविंदघाट में भारी भूस्खलन के कारण अलकनंदा नदी पर बना मोटर पुल गिर गया था। चट्टान टूटकर पुल पर गिरने से पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया, जिससे पुलना गांव, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी का संपर्क पूरी तरह कट गया। इस घटना में एक व्यक्ति की मलबे में दबने से मौत हो गई।

मलारी हाईवे पर पुल टूटने से बॉर्डर सुरक्षा प्रभावित—

मलारी बॉर्डर हाईवे पर गुरुवार देर रात पहाड़ी से चट्टान गिरने के कारण 52 फीट लंबा बीआरओ का पुल पूरी तरह से टूट गया। यह हाईवे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सेना को चीन सीमा से जोड़ता है। इस पुल के टूटने से नीति घाटी का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही एक अस्थायी वैली ब्रिज का निर्माण कर आवाजाही बहाल की जाएगी।

गोविंदघाट में टूटा पुल, कच्चे पुल का निर्माण जारी—

गोविंदघाट में 5 मार्च को हुए भूस्खलन के कारण 110 फीट लंबा सस्पेंशन ब्रिज अलकनंदा नदी में समा गया था। इस पुल के टूटने से हेमकुंड साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल प्रशासन द्वारा आवाजाही बहाल करने के लिए नदी पर कच्चे पुल का निर्माण किया जा रहा है, जो शुक्रवार देर शाम या शनिवार तक तैयार हो सकता है।

ब्रिज सेफ्टी ऑडिट ने जताई थी चिंता—

गौरतलब है कि जुलाई 2023 में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने एक ब्रिज सेफ्टी ऑडिट कराया था, जिसमें उत्तराखंड के 75 पुलों को असुरक्षित माना गया था। इनमें हरिद्वार जिले के 6 पुल भी शामिल थे। इन रिपोर्टों के बावजूद, लगातार हो रही आपदाओं के कारण पुलों के ध्वस्त होने की घटनाएं सामने आ रही हैं।

Source Courtesy – Digital Media

प्रशासन की मुस्तैदी और वैकल्पिक व्यवस्थाएं—

पुलों के टूटने की घटनाओं के बाद प्रशासन, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग की टीमें मौके पर राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में जुट गई हैं। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही सुचारू करने का प्रयास किया जा रहा है।

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