सुबह तीन बजे से शाम 9 बजे तक पहुंचे श्रद्धालु
कैंची धाम में मालपुओं का प्रसाद लेने के लिए रविवार सुबह 3 बजे से रात 9 बजे तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। भक्तों के लिए मंदिर का मुख्य द्वार सुबह पांच बजे खोला गया। इससे पूर्व मंदिर समिति के सदस्यों की ओर से सुबह 4.45 बजे शंख, घंट और ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर में बाबा को मालपुओं का भोग लगाया गया। मंदिर परिसर के अंदर वैष्णवी देवी, विंध्यवासिनी, हनुमान जी, सिद्धि माई को भी भोग लगाया गया। श्रद्धालु कतार में लगकर मंदिर के मुख्य द्वार में प्रवेश कर रहे थे और अतिरिक्त बनाए गए द्वार से मालपुओं का प्रसाद लेकर बाहर आ रहे थे। दोनों द्वारों पर श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था बनाई गई थी। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी और स्थानीय लोग व्यवस्था संभाल रहे थे।
शाम तक पहुंचे श्रद्धालु
कैंची धाम मंदिर में रविवार की सुबह 10 बजे तक 43000, 11 बजे 52000 और दोपहर 3 बजे तक 82000 श्रद्धालु पहुंचे। दोपहर 2 बजे बाद श्रद्धालुओं की कतार कम होने से कैंची धाम में व्यवस्था सामान्य हो गई। हालांकि रात 9 बजे सवा लाख से अधिक श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचे।
दो बार हुई बारिश
कैंची धाम में रविवार को स्थापना दिवस पर बाबा की कृपा से श्रद्धालुओं को गर्मी का सामना नहीं करना पड़ा। रविवार की सुबह 9.30 बजे रिमझिम बारिश के बाद भी श्रद्धालु जयकारों के साथ कतार में लगे रहे। 20 मिनट बाद बारिश थम गई। दोपहर 2 बजे एक बार फिर से बारिश हुई। लेकिन थोड़ी देर बाद बारिश रुक गई।
बाबा के नाम के जयकारों के साथ पहुंचे श्रद्धालु
दो किलोमीटर तक लगी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा के जयकारों के साथ बिना किसी समस्या के व्यवस्थित होकर धाम पहुंची। भक्तों का कहना था कि बाबा नीब करौरी महाराज की शक्ति आज भी कैंची धाम में विराजमान है। इसीलिए बिना किसी समस्या के भीड़ व्यवस्थति ढंग से अपनेआप आगे बढ़ रही थी।
मंदिर परिसर से 50 मीटर दूरी पर उतारे गए जूते-चप्पल
मंदिर परिसर के अंदर जाने वाले श्रद्धालुओं के जूते-चप्पलों की व्यवस्था के लिए भवाली और अल्मोड़ा की तरफ मंदिर से 50 मीटर पहले पंडाल लगाए गए थे। यहां श्रद्धालु जूते-चप्पल उतारकर मंदिर परिसर पहुंचे।
शटल के चलते दो किमी ऊपर लगा जाम
बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को हल्द्वानी से भीमताल, भवाली होते हुए कैंची धाम तक शटल सेवा से भेजा गया। शटल के चलते कैंची धाम से दो किमी जाम की समस्या बनी रही। इससे श्रद्धालु परेशान रहे।
हल्द्वानी, भीमताल और भवाली से पहुंचे श्रद्धालु
कैंची धाम में जाम की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए हल्द्वानी, भीमताल, भवाली, नैनीताल से आने वाले श्रद्धालुओं को शटल से ही मंदिर भेजा गया। पुलिस प्रशासन की ओर से भीमताल, नैनीबैंड, सेनिटोरियम, रामलीला मैदान, पेट्रोल पंप के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। पुलिस ने श्रद्धालुओं के वाहनों को खड़े कराकर वहां से शटल सेवा, टैक्सी वाहनों से वन विभाग के बेरियर तक पहुंचाया। वहां से श्रद्धालु दो किमी पैदल चलकर कैंची मंदिर पहुंचे। वहीं क्वारब से श्रद्धालुओं को शटल सेवा के माध्यम से पनीराम ढाबे के पास पहुंचाया। श्रद्धालु वहां से पैदल मंदिर पहुंचे।
सड़क किनारे नहीं लगने दिए भंडारे
कैंची में यातायात व्यवस्था को लेकर इस बार जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से सड़क किनारे भंडारे, स्टॉल नहीं लगाने दिए। स्टॉल नहीं लगने से जाम की स्थिति कम रही लेकिन श्रद्धालुओं को पानी, जूस, आलू, खीर का स्वाद चखने को नहीं मिल पाया। हालांकि लोगों ने अपनी नाप भूमि पर भंडारा लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा की।
चप्पे-चप्पे पर 800 से ज्यादा पुलिसकर्मी मुस्तैद
कैंची मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एसएसपी पीएन मीणा ने सुरक्षा का जिम्मा स्वयं संभाला हुआ था। सुबह डीएम वंदना भी व्यवस्था को लेकर कैंची धाम पहुंची। वहीं दोपहर 3 बजे कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत भी परिवार के साथ पहुंचे। उन्होंने मंदिर व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के बाद बाबा की पूजा कर प्रसाद लिया। आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने भी कैंची परिसर में पहुंचकर मेले के सफल संचालन के लिए जानकारी ली। परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए दूरबीन और सीसीटीवी कैमरों की सहायता ली गई। पुलिस कर्मियों ने सादी वर्दी में मेला परिसर में जेबकतरों पर नजर बनाए रखी। मेला परिसर में 800 से अधिक पुलिस कर्मी और अधिकारी मौजूद रहे।
मेले में अपनों से बिछड़ों को पुलिस ने मिलाया
कैंची धाम मंदिर में बच्चों, पुरुषों और महिलाओं के खोने पर पुलिस प्रशासन की ओर से सहायता केंद्र बनाया गया था। यहां पुलिस ने तमाम बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के मेले में खोने पर उनके परिजनों से मिलवाया।
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