असिस्टेंट प्रोफेसर की पदोन्नति में नहीं जुड़ेंगी संविदा सेवा, शिक्षकों को लगा झटका

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प्रदेश में राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति में उनकी संविदा के रूप में पहले की गई सेवा को नहीं जोड़ा जाएगा। ऐसे शिक्षकों को झटका लगा है। नैनीताल हाईकोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार के पक्ष को सही ठहराते हुए इस संबंध में दायर याचिका निरस्त कर दी। 

उच्च शिक्षा विभाग में गणित विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर बिपिन भट्ट ने प्रदेश सरकार के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी पूर्व की संविदा सेवा को पदोन्नति में जोड़ने की पैरवी की थी। भट्ट संविदा शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं विभाग को दे चुके हैं। 30 अप्रैल, 2025 को हाईकोर्ट ने इस याचिका पर निर्णय सुनाया। 

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता यूजीसी विनियमों के अधीन सभी शर्तों को पूरा नहीं करता है तो उनकी संविदा के रूप में पूर्व में की गई सेवा को पदोन्नति के लिए जोड़ा नहीं जा सकता। यूजीसी रेगुलेशंस, 2018 में कैरियर एडवांसमेंट स्कीम को लेकर इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। 

इस संबंध में विभाग ने हाईकोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की पदोन्नति यूजीसी के नियमों के अंतर्गत होती हैं। पूर्व में संविदा शिक्षक के रूप में कार्यरत बिपिन भट्ट पदोन्नति के संबंध में यूजीसी की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया। 

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