सांसद महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा में जल जीवन मिशन को लेकर सूबे की प्रगति रिपोर्ट से संबंधित प्रश्न उठाए

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देहरादून। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा सदन में जल जीवन मिशन को लेकर सूबे की प्रगति रिपोर्ट से संबंधित प्रश्न उठाए गये। जिसमें भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि विगत 5 वर्षों में 97 फीसदी से अधिक घरों को नलों से जोड़ दिया गया है। वहीं इस योजना के तहत 94 फीसदी कामों को पूरा कर लिया गया है।
उन्होंने आतंकित प्रश्न 721 में जल शक्ति मंत्रालय से पूछ कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड के कितने परिवारों को हर घर नल से सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया है। वहीं पेयजल लाइन बिछाने के बाद भी कई परिवारों को अभी तक जलापूर्ति नहीं हो पा रही है, उन्हें कब तक जलापूर्ति कर दी जाएगी ? जिसका जवाब देते हुए केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री वी. सोमण्णा ने बताया कि अगस्त 2019 से, भारत सरकार, राज्यों के साथ भागीदारी में, जल जीवन मिशन (जेजेएम)-हर घर जल का कार्यान्वयन कर रही है ताकि देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की सुनिश्चित आपूर्ति प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके। उत्तराखंड में 15 अगस्त 2019 को राज्य में जेजेएम के शुभारंभ के समय, केवल 1.30 लाख ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन थे। तब से, 12.80 लाख और ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 6 फरवरी 2025 तक, राज्य के 14.51 लाख ग्रामीण परिवारों में से, 14.10 लाख (97.24ः) से अधिक ग्रामीण परिवारों के पास नल जल आपूर्ति का प्रावधान उपलब्ध है। राज्य में कुल 15,990 कार्यों में से 14,690  यानि 94ः कार्य वास्तविक रूप से पूरे कर लिए गए हैं। शेष योजनाओं के संवर्धन कार्य अभी भी प्रगति पर हैं और दिसंबर 2025 तक पूरा करने की योजना है। कठिन भू-भाग, विषम मौसम परिस्थितियों आदि के कारण योजनाओं की प्रगति प्रभावित होती है।
इसी विषय से संबंधित एक दूसरे अतारांकित प्रश्न सं. 677 उन्होंने जल जीवन मिशन के लिए उत्तराखंड सरकार को धनराशि उपलब्ध कराने की जानकारी मांगी। धनराशि जारी न होने के कारण कुल कितनी पेयजल योजनाएं वर्तमान में प्रभावित हो रही हैं। और धनराशि जारी होने में देरी का कारण। इसके ज़बाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में 15,990 पीडब्ल्यूएस योजनाओं में से 14,960 योजनाएं वास्तविक रूप से पूरी हो चुकी हैं और शेष 1,030 योजनाएं कठिन भू-भाग, विषम मौसम परिस्थितियां निधियां जारी न किए जाने आदि के कारण प्रभावित हुई हैं। जल जीवन मिशन के शुभारंभ के बाद से, वित्त वर्ष 2023-24 तक राज्य को 8,279.10 करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान आवंटित किया गया है । 2024-25 में, 1,016.80 करोड़ रुपये के आवंटन में से अब तक 508.40 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पांच वर्षों तक जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन को मंजूरी दी थी और जेजेएम को आगे जारी रखने का मामला अभी लंबित है। वित्त मंत्रालय द्वारा सूचित किए गए अनुसार 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान (आरई) केवल 22,694 करोड़ रुपये है और पीएम-जनमन तथा विभाग स्तर की गतिविधियों के लिए निर्धारित निधि को छोड़कर इसका लगभग पूरा उपयोग कर लिया गया है।

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